3 दिन से घर में कैद थे, पुलिस की मदद से बचाए 3 हिंसा ग्रस्त इलाके से निकलकर अपने रिश्तेदारों के यहां परिवार, पहुंचे


नई दिल्ली: शिव विहार तिराहे पर हिंसा के डरावने अवशेष थे। बृजपुरी की तरफ जाने वाली सड़क को लोहे के कबाड़ से पाटकर बंद किया गया था। आसपास की दुकानों, 2 स्कूलों और 2 प्राइवेट पार्किंग को जला दिया गया था। दोपहर 3:15 बजे मैं वहां पहुंचकर हालात का जायजा ले रहा था। इसी दौरान सड़क पर 2 युवक परेशान से घूम रहे थे। दोनों ही कबाड़से बंद सड़क के आगे तिराहे तक जाने की हिम्मत नहीं जटा पा रहे थे। मैंने करीब जाकर उनसे परेशानी की वजह पूछी तो एक यवक ने बताया कि हमारे 2 मस्लिम परिवार उस तरफ फंसे हैं। एक भागीरथी विहार के गोंविद विहार में है, जहां करीब 15 लोग हैं। दसरी फैमिली शिव विहार के अंदर है। मैंने दोनों को भरोसा दिलाया कि चिंता न करें, मैं आपकी मदद करूंगा। एक युवक ने अपना नाम हाजी सलीम खान बताया। मेरे पर भरोसा करने के बाद उसने एक फैमिली से बात की और उन्हें बताया कि आपके पास एक पीली जैकेट वाले युवक को भेज रहा हूं। फोन नंबर भी बताया और कहा कि उनका फोन उठा लेना और चिंता मत करना। मैंने दोनों को भरोसा दिया कि आप मेरे साथ आगे चलिए और मैं पुलिस से मदद लेकर दोनों परिवारों की मदद करूंगा। दोनों घबरा रहे थे। किसी भी सूरत में तिराहा पार नहीं करना चा रहे थे। मेरे भरोसा देने पर सलीम हेलमेट पहनकर साथ आ गए। हम जौहरीपुर से करावल नगर की तरफ आने वाली सड़क पर आ गए। गोविंद विहार की फैमिली के घर के करीब पहुंचकर मैंने मुखिया बन्ने खान को कॉल कर घर की लोकेशन पूछी। शाहिद फिर घबरा गए और कहने लगे बगैर पुलिस वालों के आगे नहीं बढ़ेंगे। हम दोबारा पीछे की तरफ आए तो हमें जॉइंट सीपी (लाइसेंसिंग) सुवाशीष चौधरी नजर आ गए। बतौर क्राइम रिपोर्टर मैंने उन्हें पहचान लिया। वह स्थानीय लोगों से अमन बनाए रखने की अपील कर रहे


दूसरे मकान से दहशत में बाहर निकली थे। कछ समय पहले वो आर्थिक अपराध बन्ने शाखा जॉइंट सीपी हुआ करते थे। तब कई की बार उनसे बात हुई थी। मैंने उन्हें बताया कि से परिवार घरों डरकर बैठे हुए हैं, उन्हें देखते बाहर निकलवाना है। वह तुरंत तैयार हो उन्होंने गए और पैदल ही हमारे साथ फोर्स लेकर ताला चल पड़े। उन्होंने शांति क्लिनिक पर पहुंचे तो कुछ मैंने स्थानीय लोग भी साथ आ गए। वहां से मैंने एक गुरुद्वारों ने खोले निकली लड़की शिव विहार : सलीम (बन्ने खान को कॉल किया तो गोविंद विहार की गली नंबर 8 में पहुंचे।एक घर की छत से कुछ लड़के हमें पुलिस फोर्स के साथ देखते ही हाथ हिलाने लगे। वहां पहुंचे तो उन्होंने एक चाबी दी और घर के बाहर से ताला खोलने को कहा। डर की वजह से उन्होंने घर के बाहर ताला लगा दिया था। मैंने ताला खोला तो सभी बाहर आ गए। एक लड़का भागने लगा तो उसे रोका। वह (हेल्मेट में) ने बताया फैमिली का पता बोला पीछे मौसी का परिवार है और उसे भी लाना है। पुलिसवाले वहां गए और उस फैमिली को भी बाहर ले आए। दोनों फैमिली में 5 युवक, 3 महिलाएं, 2 लड़कियां और 4 बच्चे थे। महिलाएं रोने लगीं तो जॉइंट सीपी चौधरी ने उन्हें ढांढस बंधाया। इस फैमिली को लेकर हम पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के साथ शिव विहार तिराहे के पास पहुंचे। यहां से शाहिद ने जॉइंट सीपी में सुवाशीष चौधरी की अगुवाई में पुलिस टीम की मदद से चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन बताया कि एक परिवार शिव विहार में फंसा है। मेरी परिवार के रमजानी से बात कराई तो मैंने उनसे लोकेशन पूछी। उन्होंने बताया कि हम राजेश होटल के करीब पुलिया के सामने रहते हैं। पलिस टीम दसरे थाने का इलाका होने से थोड़ा हिचक रही थी, लेकिन जॉइंट सीपी फैमिली ने कहा, कोई बात नहीं, मैं हूं ना। टीम तैयार हुई तो घर से मोहम्मद रमजानी समेत 2 युवक, 3 महिलाएं और 2 लड़के बाहर निकाले गए। दोनों परिवारों को स्थानीय लोगों ने खाना खिलाया। इसके बाद पुलिस की सुरक्षा में उन्हें शिव विहार तिराहा पार कराया गया।