Report by
Chhattisgarh Jyoti
146 स्टेशन, 62 विमान, 66 जलपोत के जरिए 13 हजार 900 अफसर-सैनिक समुंदरों पर दूर तक नजर रखे हुए हैं। अब कोई कसाब क्या बिना इनकी मर्जी परिंदा भी देश की सीमा में नहीं घुस सकता। दुनिया में चौथे स्थान पर भारतीय कोस्ट गार्ड का सबसे बड़ा बेड़ा है। कोस्ट गार्ड के अधिकारियों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, हिन्द महासागर में चप्पे-चप्पे पर उनकी नजर है। कोस्ट गार्ड की बड़ी जिम्मेदारी भारतीय मछुआरों की मदद करना भी है। तूफान के समय रेस्क्यू मिशन उसी की जिम्मेदारी है। सागर से वैज्ञानिक आंकड़े इकट्ठा करना, तस्करों को पकड़वाने में कस्टम की मदद करना, टैंकर ले जा रहे जहाजों से रिसाव होने पर समुद्र की सतह साफ करना जैसे कार्य इंडियन कोस्ट गार्ड कर रहे हैं।
स्टीमर पर तिरंगे के बाद पकड़े जा रहे घुसपैठिए
कोस्ट गार्ड अधिकारियों का कहना है कि कोस्ट गार्ड ने महासागर में चलने वाले नौकाओं से लेकर स्टीमर, बोट, जलपोतों के आंकड़े इकट्ठा किए हैं। अब कोई भी स्टीमर या बोट जो इन आंकड़ों से मेल नहीं खाती वह भारतीय सीमा में घुस जाए तो रोक ली जाती है। कई बार धोखा देने के लिए घुसपैठियों ने बोट पर तिरंगा लगाया, ऐसे चिह्नि बनवाए जिनसे यह लगे कि भारतीय है फिर भी पकड़ लिए गए।
चेतक: मादक पदार्थ पकड़वाए
रिवर फ्रंट पर बचाव की तकनीक दिखाते मार्कोस कमांडो और इंडियन कोस्ट गार्ड के जवानों के साथ हैलीकॉप्टर और बोट से जुड़ी अपनी कहानी है। चेतक हेलीकॉप्टर करोड़ों के मादक पदार्थों को पकड़वाने में मददगार रहा है। यह हेलीकॉप्टर तीन घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। इसके अलावा ध्रुव हेलीकॉप्टर कोस्ट गार्ड के जखीरे में तुरुप का इक्का है। वर्ष 2018 में इन्हीं हेलीकॉप्टरों की मदद से गुजरात के पास डूब रहे जहाज के 20 सदस्यों की जान कोस्ट गार्ड ने बचाई थी। इसी तरह 2019 में समुद्री मार्ग से भारत लाई जा रही छह हजार 500 करोड़ रुपए की हिरोइन इन्हीं हेलीकॉप्टरों की मदद से पकड़ी गई थी।