अस्पताल की मोर्चरी में लगा ताला, सड़क पर इंतजार कर रही डेड बॉडी











नई दिल्ली.दिल्ली हिंसा में अपनों को खो चुके लोगों को अब शवों के लिए भटकना पड़ रहा है। बुधवार रात को गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) में बड़ा ही दर्दनाक नजारा देखने को मिला जब अस्पताल की मोर्चरी का ताला लगा हुआ था और और डेड बॉडी सड़क पर इंतजार कर रही थी। वहीं डॉक्टर और स्टॉफ की कमी से पोस्टमार्टम में तेजी नहीं आ पाई है। बुधवार को कुल 4 लोगों का ही पोस्टमार्टम हुआ है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो सभी लोगों के पोस्टमार्टम करने में कुल 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। वहीं परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम होने के बाद भी लोगों को शव मिलने में देरी हो रही है। 























जीटीबी अस्पताल में हिंसा में घायल हुए सबसे ज्यादा लोग पहुंचे है। जब से हिंसा हुई है उसमें घायल होकर अस्पताल पहुंच लोगों में कुल 25 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। दो दिन में महज 6 लोगों का पोस्टमार्टम ही हो पाया है। मंगलवार को दो लोगों का पोस्टमार्टम हुआ है जिसमें शहीद रतनलाल भी शामिल थे। वहीं बुधवार को महज 4 लोगों का पोस्टमार्टम हुआ है। इसके चलते पहले अपनों के खोने का गम फिर उनका शव पाने का लंबा इंतजार परिजनों की मुश्किल बढ़ा रहा है।


अस्पताल प्रशासन से बात की गई तो बताया गया कि हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ गई है। उसके अलावा भी अस्पताल में दूसरे केस में भी लोगों की मौत होती है। उस अनुपात में पोस्टमार्टम करने वालों डॉक्टर और कर्मचारी की संख्या यहां पर कम है। इसलिए देरी हो रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अगर डॉक्टर की टीम नहीं बढ़ाई तो सभी लोगों का पोस्टमार्टम करने में 3 से 4 दिन का समय लगेगा।