दो साल पहले ग्राम पंचायतों को कर दिया गया ओडीएफ , अब तक आधा अधूरा शौचालय का निर्माण


दल्लीराजहरा। लगभग दो वर्ष पूर्व डौण्डी ब्लाक को ओडीएफ घोषित कर दिया गया और पूर्णत: शौचालय निर्माण डौण्डी ब्लाक के सम्पूर्ण क्षेत्र में कर दिया गया। इस तरह की घोषणा जिला एवं राज्य प्रशासन के द्वारा किया गया और ओडीएफ घोषित के नाम पर डौण्डी ब्लाक को पुरस्कार भी प्राप्त हुए परन्तु जमीनी हकीकत और ही कुछ है। आज भी दर्जनों ग्राम पंचायत के सैकड़ों हितग्राहियों के यहां शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है। आधे अधूरे शौचालय निर्माण को लेकर अब नए सरपंचों के लिए नए निर्माण करना किसी चुनौती से कम नहीं है। स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत राज्य व केन्द्र सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों में प्रत्येक हितग्राहियों के घरों में शौचालय निर्माण के लिए करोड़ों, अरबों रूपए के बजट जारी किया और तो और ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण भी कागजों में कर दिया गया। कई ग्राम पंचायतों में आज भी शौचालय निर्माण के बाद ग्रामीण लगातार राशि की भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे हैं, आए दिनों ऐसे शिकायत जनपद पंचायत कार्यालय तक पहुंचता रहता है जो शौचालय निर्माण की कहानी को स्वयं बया करने के लिए काफी है इसके बावजूद इस मामले में जाचं नहीं होने से सरकार के महत्वपूर्ण योजना स्वच्छ भारत मिशन का जो लाभ ग्रामीणों को मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है और तो और सिर्फ कागजों में दिखाने के लिए कई ग्राम पंचायतों में आधे अधूरे शौचालय का निर्माण कर दिया गया है जिसका उपयोग चाहकर भी ग्रामीण नहीं कर पा रहे हैं और मजबूरन उन्हें खुले मैदानों में आज भी शौच के लिए जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।   वनांचल के अधिकांश ग्राम पचायतों मरकाटोला, बम्हनी, छिंदगांव, अवारी, कांड़े, कुंआगोंदी, अड़जाल, ठेमाबुर्जुग, पेण्ड्री, पटेली, कुसुमकसा, धोबनी अ, धोबनी ब, भर्रीटोला 43, रजही, चिपरा, ध्रुवाटोला, सुवरबोड़, दानीटोला, भैंसबोड़, गुजरा, खल्लारी, पुसावड़, कुंजकन्हार, आमाडूला, चिहरो, मंगलतराई, बेलौदा, सिंघोला, मथेना, ढोर्रीठेमा, भर्रीटोला 36, सुरडोंगर, लिमऊडीह, मरदेल, गुदुम, पचेड़ा, घोठिया, बोरगांव, कामता, सल्हाईटोला, कोटागांव, नलकसा, कुमुडकट्टा, आड़ेझर, खैरवाही, नर्राटोला, चिखली, साल्हे, सिंघनवाही, टेकाढोड़ा, चिखलाकसा, धोबेदण्ड, बिटाल, अरमुरकसा, आड़ेझर में ब्रिर्क्स इंट से निर्माण किए गए शौचालय की तो बात ही मत पूछिए शौचालय निर्माण के बाद बेमौसम बारिश और आंधी तूफान को यह नहीं झेल पा रहा है। कई ग्रामों में दर्जनों शौचालय आंधी तूफान में उड़ गए जिसका जांच अब तक जारी है लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं आने से अभी भी ग्रामीणों के घरों में शौचालय निर्माण अधूरा पड़ा है। ग्राम पंचायत चुनाव के चलते शौचालय निर्माण मामले पिछले दो माह से ठंडे बस्ते में चला गया लेकिन अब तक ग्राम पंचायतों में चुनाव संपन्न होने के बाद जनता द्वारा चुनकर आए पंचायत प्रतिनिधियों के सामने इन आधे अधूरे शौचालय निर्माण को पूरा करवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। अंचल के ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के कारण इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। दर्जनों बार ग्रामीणों द्वारा मामले की शिकायत जनपद पंचायत, जिला पंचायत तक किया जा चुका है किन्तु घरों में अब तक शौचालय के निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सकता है जबकि रिकार्ड में पूरा शौचालय निर्माण हो चुका है और दो साल पहले इन ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।