एक ही दिन में एक लाख से ज्यादा महिलाओं व बच्चों के हीमोग्लोबीन की जांच का लक्ष्य  शतप्रतिशत सुपोषण का लक्ष्य - कलेक्टर श्री पाठक

 

 

वृहद निःशुल्क हीमोग्लोबीन जांच अभियान 10 फरवरी को, 

कलेक्टर ने नवागढ़, पामगढ़, अकलतरा और बलौदा में मैदानी अमलों की ली बैठक

जांजगीर 05 फरवरी 2020/ कलेक्टर श्री जनक प्रसाद पाठक ने आज विकासखण्ड मुख्यालय नवागढ़, पामगढ़, अकलतरा और बलौदा में वृहद निःशुल्क हीमोग्लोबीन जांच अभियान की तैयारी के लिए मैदानी अमलों की संयुक्त बैठक ली। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के मितानिन, महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका, ग्राम पंचायत के सचिवों को संबोधित करते हुए कहा कि शत-प्रतिशत सुपोषण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वृहद निःशुल्क हीमोग्लोबीन जांच अभियान का आयोजन पूरे जिले में 10 फरवरी को किया जा रहा है। इसके लिए पूरे जिले में 636 केन्द्र के माध्यम से शून्य से 5 वर्ष तक के छोटे बच्चों, 15 से 49 वर्ष तक की महिलाआें और किशोरियों के हीमोग्लोबीन की जांच की जाएगी।

कलेक्टर ने स्वयं हिमोग्योबीन की जांच करवाई
कलेक्टर श्री पाठक ने अकलतरा में आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए उपिस्थित स्वास्थ्य कार्यकताआें से अपनी रक्त में हिमोग्योबीन की जांच करवायी। हिमोग्योबीन मीटर पर 14 ग्राम हिमोग्योबीन प्रदर्शित हुआ।  

 कलेक्टर ने उपस्थित अमलों को प्रेरित करते हुए कहा कि गांव और नगर में सेवा दे रहे मैदानी कार्यकर्ताओं का इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता और सहायिका तथा स्वास्थ्य विभाग के मितानिन घर-घर संपर्क कर इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करेंगे। अभियान के पूर्व गांवों में मुनादी कराकर स्थान व तिथि की सूचना दी जाएगी। दीवार लेखन, फ्लेक्स व पोस्टर के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार प्रारंभ कर दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन लक्षित हितग्राहियों को शिविर तक लाएंगे।
कलेक्टर ने बताया कि जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल डिस्पेंसरी, आश्रित ग्राम सहित कुल 636 केन्द्रों में हीमोग्लोबीन की जांच की जाएगी। लक्ष्य के अनुसार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं के हीमोग्लोबीन की जांच की जाएगी। इस अभियान को सफल बनाने में समाज सेवी लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा।
  कलेक्टर ने बताया कि महिलाओं में 12 ग्राम से कम हीमोग्लोबीन पाया जाना रक्त की कमी मानी जाती है। इसी प्रकार 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबीन को गंभीर एनीमिया की श्रेणी में रखा गया है। एनीमिक एवं गंभीर एनीमिया के रूप में चिन्हांकित हितग्राहियों को स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना का लाभ देकर सामान्य श्रेणी मे लाया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को शासन की नियमित गरम भोजन योजना के तहत पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा  डीएमएफ मद से स्वीकृत किये गये राशि से शिशुवती माताओं को भी गरम भोजन दी जाएगी। इसी प्रकार शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों में हीमोग्लोबीन की मात्रा कम पाये जाने पर उन्हें आंगनबाड़ी और पोषण पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से ईलाज उपलब्ध कराया जाएगा। जिले में 15 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तीर्थराज अग्रवाल ने शिविर में पेयजल व्यवस्था, बैठक व्यवस्था आदि के संबंध में संबंधितों को निर्देशित किया। इसी प्रकार अभियान के पूर्व आवश्यक तैयारियों और प्रचार-प्रसार के लिए भी ग्राम पंचायत सचिवों और कोटवारों को निर्देश दिये।
शिशुवती माताओं को डीएमएफ मद से मिलेगा गर्म भोजन
छत्तीसगढ़ शासन की नियमित योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए गर्मभोजन योजना संचालित है। कलेक्टर श्री पाठक के निर्देश पर अब शिशुवती माताओं को भी गर्म पौष्टिक भोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए डीएमएफ मद से 2.5 करोड़ रूपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत 17 हजार 265 शिशुवती माताओं को इस योजना का लाभ कल गुरूवार 6 फरवरी से मिलने लगेगा। इसके लिए प्रति शिशुवती महिला के लिए प्रतिदिन के हिसाब से 9.50 रूपये स्वीकृत किया जा रहा है।
खान-पान के प्रति जागरूकता और उपचार जरूरी
      कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण गंभीर समस्या है। इससे निजात पाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। खान-पान के प्रति लोगों को जागरूक कर कुपोषण से मुक्ति पा सकते हैं। कुपोषण के कारण बच्चों व महिलाओं की मृत्यु तक हो जाती है। इसके कारण शारीरिक व मानसिक विकास अवरूद्ध हो जाता है। छोटे बच्चे बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। हम सबको को नियमित स्वच्छ व पौष्टिक भोजन ग्रहण करना चाहिए। हीमोग्लोबीन की कमी के कारण काम में मन नही लगना, चिड़चिड़ापन, थकान और शारीरिक कमजोरी आ जाती है। जिले में 15 से 49 वर्ष तक की बालिकाओं और महिलाओं की संख्या करीब 4.55 लाख है। ऐसी महिलाएं जिनमें हीमोग्लोबीन की मात्रा निर्धारित से कम है को गरम भोजन योजना से जोड़ा जाएगा।
636 केन्द्रों में होगी हीमोग्लोबीन की जांच