दुर्ग । कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बाद जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी दस्त के मरीज बढ़ी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी में सुबह से मरीजों की भीड़ लग रही है। सर्दी, बुखार, उल्टी दस्त के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल में अव्यवस्था होने के कारण मरीजों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी में पर्ची कटाने के बाद मरीज अपनी समस्या संबंधित चिकित्सक को नहीं बता पा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह अधिक भीड़ होना है।
ब्लड टेस्ट कराने लैब में लग रही भीड़
जिला अस्पताल के दैनिक ओपीडी अचानक से बढ़ गई है। रोजना 600 से 700 मरीज पहुंच रहे हैं। इस समय अधिकतर मरीज खांसी, जुकाम, बुखार, उल्टी-दस्त के आ रहे हैं। इतना ही नहीं खून टेस्ट के लिए लैबों में भी मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। रूटीन में करीब 450 मरीजों की ओपीडी होती है, लेकिन अब यह बढ़कर 625 तक पहुंच गई है। चिकित्सक भी बदलते मौसम को ओपीडी बढ़ने का प्रमुख कारण मान रहे हैं।
चिकित्सकों की कमी का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर
कोरोना वायरस के चलते कई निजी क्लीनिकों में शटर डाउन है। जिसके कारण मरीज सीधे जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल में वायरल, मलेरिया और उल्टी-दस्त के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। ओपीडी के समय ही खिड़की पर पर्ची बनवाने के लिए मरीजों की लाइन लग जाती है। वायरल के प्रकोप से लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं खून जांच लैब में मरीजों की संख्या तीन गुनी बढ़ गई है। लैब में 50 से 60 रोगियों के खून की जांच की जाती थी, यह आंकड़ा अब बढकर 100 से 120 पहुंच गया है।
सर्दी, बुखार के लिए पांच ओपीडी
कोरोना वायरस को लेकर विभाग काफी सर्तक है। अस्पताल में सर्दी, खांसी के मरीज अधिक आ रहे हैं। इसके कारण अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में रोजना 120 से 135 सर्दी, खांसी के मरीज पहुंच रहे है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा सर्दी, खांसी, बुखार के लिए पांच ओपीडी अलग से लगाई गई है। ताकि मरीजों को परेशानी न हो। इसके लिए विशेष डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। दो शिफ्ट में ओपीडी संचालित हो रही है।