हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर के पुंछ में LoC के पास की गोलाबारी, सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब











 

 

जम्मू.जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार (3 मार्च) तड़के गोलीबारी और गोलाबारी की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया। रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ''तड़के करीब साढ़े तीन बजे पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन कर मनकोट और मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास छोटे हथियारों से गोलीबारी की और मोर्टार से गोले दागे।" प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। गोलीबारी और गोलाबारी सुबह करीब पांच बजे रुक गई।























पाकिस्तान ने अग्रिम चौकियों, रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया
बीते 25 फरवरी को भी पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू कश्मीर में पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के निकट अग्रिम चौकियों और नागरिक क्षेत्रों पर मोर्टार के गोले दागे और छोटे हथियारों से गोलियां चलाई थी। पाकिस्तानी सेना ने किरनी, कस्बा और शाहपुरा को निशाना बनाया था। 21 फरवरी को भी नियंत्रण रेखा के निकट पाकिस्तानी गोलाबारी में कम से कम सात रिहायशी इमारत छतिग्रस्त हो गई थीं। शापुर सेक्टर में सीमा पार से गोलाबारी अपराह्न एक बजकर 35 मिनट पर आरंभ होकर शाम साढ़े पांच बजे तक जारी रही थी, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में कस्बा गांव में एक विधवा की आवासीय इमारत क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि डोकरी गांव में छह अन्य इमारतें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं। पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए अग्रिम चौकियों और गांवों पर बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की और मोर्टार के गोले दागे थे।


पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन कई गुना बढ़ा
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बीते 23 फरवरी को कहा था कि जम्मू कश्मीर में सशस्त्र आतंकवादियों को घुसाने और शांति भंग करने के लिए पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन में कई गुना वृद्धि हुई है, लेकिन पड़ोसी देश के नापाक मंसूबो को नाकाम करने के लिए हमारी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है। इस केंद्रशासित प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने यह भी कहा कि आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की कुछ कोशिशें हुईं लेकिन कश्मीर घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान उनका सफाया कर दिया गया।