संभागायुक्त जीआर चुरेंद्र ने कहा है कि पुलिस पेट्रोलिंग निरंतर मुख्य सड़क व अंदर के सड़को में निरंतर रूप से की जाय। इस दौरान जो भी लोग ठहराए गए स्थान से आगे जाना पाया जाता है, तो वे जिस गांव की सीमा में मिलते है उन्ही गांव में सर्व सुविधायुक्त शासकीय भवन में ठहराया जाए तथा उनके लिए समुचित व्यवस्था किया जाए। उनकी देखरेख व सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय कर्मचारियों की टीम तैनात किया जाए। जिस स्थान पर उन्हें पहले रोका गया था वहां के जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन को तत्काल अवगत कराया जाए तथा जिन अधिकारियों के नियंत्रण व अभिरक्षा में ऐसे लोगो को ठहराया गया था उनके द्वारा दायित्व निर्वहन भलीभांति नहीं करने के कारण उन्हें जिम्मेदार ठहराया जावे ताकि संबंधित अधिकारी, कर्मचारी अपनी ड्यूटी पूर्ण जिम्मेदारी व लगन के साथ करें। अब जिले के सीमा के अन्तर्गत जहां-जहां लोगो को ठहराया गया है, उस स्थान से कोई भी व्यक्ति महिला, पुरुष, बच्चे आगे कदापि न बढ़ें। इस पर विशेष नियंत्रण रखा जाए।
संभागायुक्त ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नोवेल कोरोना वायरस का संक्रमण विदेश यात्रा कर वापस आए व देश के बड़े शहरो से प्रवास कर वापस आए लोगों के कारण वायरस बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में इस तरह के लोगो को तथा उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उनका मेडिकल चेकअप, उन्हें आइसोलेशन में रखने व क्वारंटाइन मे रखने की सख्त आवश्यकता है ताकि कोरोना वायरस की संक्रमण से समाज के अन्य लोगों को बचाया जा सके।--
मवेशियों के लिए करें चारा का इंतजाम
संभागायुक्त जीआर चुरेन्द्र ने लॉक डाउन के दौरान मवेशियों को आने वाली दिक्कतों के संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा है कि लॉक डाउन के कारण शहरों एवं गांवों में चहल-पहल लगभग थम सा गया है। शहरों में होटल व अन्य भोजन,नाश्ता स्थल शत-प्रतिशत बंद हो गया है। शहरों में इन स्थानो पर शहर के मवेशियों को भोजन व पानी मिल जाया करता था तथा गांवों में ग्रामीणों की चहल-पहल वाले दिनचर्या के चलते इन्हें खाना पानी मिलता रहा है। इसी तरह नगरीय,शहरी क्षेत्रों में गाय, भैंस एवं अन्य पशुओं को पेयजल होटल, भोजन, नाश्ता के अन्य स्थान, दुकानदारों व मकान मालिकों से मिल जाया करता था। लेकिन शहर व नगर बंद होने से जनजीवन में चहल-पहल कम होने के कारण इन जानवरों को पानी की दिक्कत हो सकती है। अब गर्मी बढ़ने की आशंका है। अतः शहरी क्षेत्रों में मवेशियो, जानवरों की पेयजल व्यवस्था नगरीय निकायों के माध्यम से तथा नगरीय क्षेत्र के निवासियों के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए। शहर एवं गावों में मवेशियों को खाना लॉकडाउन के दौरान सही ढंग से नही मिल रहा है, जिससे कुत्ते-भूख से विचलित होकर गाय, बछड़ो को काटने दौड़ रहे हैं। यहां तक कि आदमियों को काटने दौड़ा रहे हैं। इससे डॉग बाइट की घटनाओं में इजाफा हो सकता है। अतः ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में क्रमशः ग्राम पंचायतों व नगरीय निकायों या स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से उनकी भोजन व पेयजल का तत्काल प्रबंध किये जाने के निर्देश संभागायुक्त ने दिए।