कोरोना वायरस के संक्रमण के डर ने लोगों को अकेले जीने और तन्हाई में ही मरने पर मजबूर कर दिया है. चीन के बाद कोरोना वायरस का नया गढ़ बन चुके इटली में हालात इतने भयावह हैं कि यहां लोग अपनों के अंतिम संस्कार में भी शरीक नहीं हो पा रहे हैं. कोरोना वायरस के खौफ के आगे तमाम सामाजिक ताने-बाने और सदियों से चले आ रहे रीति-रिवाज भी पीछे छोड़ने पड़ रहे हैं.
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इटली में कोरोना वायरस के संक्रमण से हुईं मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है और ऐसे में कई प्रांतों में शवों के अंतिम संस्कार में भी देरी हो रही है. इटली के बर्गेमो कस्बे के एक अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित 85 वर्षीय रेंजो कार्लो टेस्टा ने बुधवार को अंतिम सांसें लीं लेकिन पांच दिन बीतने के बाद भी उनका मृत शरीर अंतिम संस्कार के लिए इंतजार कर रहा है. कब्रिस्तान को पहले ही लोगों के लिए बंद किया जा चुका है.
टेस्टा की 50 वर्षीय पत्नी फ्रैंका स्टेफनली अपने पति का अंतिम संस्कार सारे रीति-रिवाजों के साथ करना चाहती थीं. लेकिन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इटली में लगाई गईं तमाम पाबंदियों की वजह से पारंपरिक रूप से अंतिम संस्कार गैर-कानूनी हो गया है. यहां अंतिम संस्कार समेत किसी भी प्रक्रिया के लिए लोग एक जगह जमा नहीं हो सकते हैं. वैसे भी, फ्रैंका और उनके बेटे खुद बीमार हैं और उन्हें कोरोना संक्रमण के शक में एकांत जगह पर रखा गया है इसलिए वह अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाईं. स्टेफनली कहती हैं, ये बेहद अजीब है. मैं नहीं बता सकती कि मैं किन अनुभवों से गुजर रही हूं. ये गुस्सा नहीं है. ये वायरस के सामने हमारी बेबसी है.
टेस्टा की 50 वर्षीय पत्नी फ्रैंका स्टेफनली अपने पति का अंतिम संस्कार सारे रीति-रिवाजों के साथ करना चाहती थीं. लेकिन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इटली में लगाई गईं तमाम पाबंदियों की वजह से पारंपरिक रूप से अंतिम संस्कार गैर-कानूनी हो गया है. यहां अंतिम संस्कार समेत किसी भी प्रक्रिया के लिए लोग एक जगह जमा नहीं हो सकते हैं. वैसे भी, फ्रैंका और उनके बेटे खुद बीमार हैं और उन्हें कोरोना संक्रमण के शक में एकांत जगह पर रखा गया है इसलिए वह अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाईं. स्टेफनली कहती हैं, ये बेहद अजीब है. मैं नहीं बता सकती कि मैं किन अनुभवों से गुजर रही हूं. ये गुस्सा नहीं है. ये वायरस के सामने हमारी बेबसी है.
टेस्टा की 50 वर्षीय पत्नी फ्रैंका स्टेफनली अपने पति का अंतिम संस्कार सारे रीति-रिवाजों के साथ करना चाहती थीं. लेकिन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इटली में लगाई गईं तमाम पाबंदियों की वजह से पारंपरिक रूप से अंतिम संस्कार गैर-कानूनी हो गया है. यहां अंतिम संस्कार समेत किसी भी प्रक्रिया के लिए लोग एक जगह जमा नहीं हो सकते हैं. वैसे भी, फ्रैंका और उनके बेटे खुद बीमार हैं और उन्हें कोरोना संक्रमण के शक में एकांत जगह पर रखा गया है इसलिए वह अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाईं. स्टेफनली कहती हैं, ये बेहद अजीब है. मैं नहीं बता सकती कि मैं किन अनुभवों से गुजर रही हूं. ये गुस्सा नहीं है. ये वायरस के सामने हमारी बेबसी है.