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धमतरी । जिला अस्पताल में प्रतिदिन मौसमी सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज उपचार कराने पहुंच रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव व सुरक्षा के चलते शरीर को छूना प्रतिबंध है। कोरोना से जंग जीतने जिला अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे डॉक्टर बिना थर्मल स्केनर के मरीजों की नाड़ी छू नहीं पा रहे हैं, उन्हें भी संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। दबी जुबान से डॉक्टर जिला अस्पताल में थर्मल स्केनर उपलब्ध कराने की मांग शासन से कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसे लेकर डॉक्टरों में नाराजगी बनी हुई है।
जिला अस्पताल में प्रतिदिन कई तरह के मरीज उपचार कराने पहुंच रहे हैं। इनमें कई मरीज बुखार, सर्दी, खांसी के हैं। ऐसे मरीजों को डॉक्टरों द्वारा नाड़ी छूकर उपचार करना अनिवार्य रहता है। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और सुरक्षा के मद्देनजर डॉक्टरों को भी मरीजों के शरीर को छूना नहीं है। ऐसे में डॉक्टर बुखार के मरीज का कैसे उपचार करें, यह एक बड़ी समस्या है।
बिना नाड़ी व शरीर छूए सिर्फ थर्मल स्केनर से ही लोगों के शरीर का तापमान पता लगाया जा सकता है, जो जिला अस्पताल के डॉक्टरों के पास उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर चाहते हुए भी मरीज के हाथ नहीं छू पा रहे हैं। क्योंकि जिला अस्पताल में विभिन्न जगहों से मरीज उपचार कराने पहुंच रहे हैं। 30 मार्च को जिला अस्पताल में बुखार के कुछ मरीज पहुंचे।
इन मरीजों को थर्मल स्केनर के अभाव में किसी भी डॉक्टर ने नहीं छुआ। मरीज के द्वारा बताए गए लक्षण के अनुसार दवाइयां लिखकर दे दी गई। यदि इन मरीजों को डॉक्टर छूकर बुखार जांचते तो डॉक्टरों की सेहत पर भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता। कोरोना वायरस से जंग जीतने जिला अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे डॉक्टरों भले ही अपने उच्चाधिकारियों के पास थर्मल स्केनर की उपलब्धता को लेकर कुछ नहीं कह पा रहे हैं, लेकिन दबी जुबान उन्हें सख्त आवश्यकता महसूस होने लगी है।
क्वारंटाइन में किया जा रहा उपयोग
सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे ने बताया कि उनके पास एक थर्मल स्केनर उपलब्ध है, इसका उपयोग क्वारंटाइन में किया जा रहा है। क्योंकि यहां रखे सभी मरीज कोरोना वायरस संक्रमण के संदेहास्पद हैं। इस मशीन से जांच करना अनिवार्य है। इन लोगों के शरीर को छूकर बुखार जांच कर पाना संभव नहीं है। क्योंकि वे सभी विदेश से पहुंचे हैं, जिस पर ज्यादा खतरा बना हुआ है।
जिला अस्पताल के डॉक्टर अस्पताल में पहुंच रहे मौसमी सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों का उपचार विभिन्न माध्यम से कर सकते हैं। हाथ में ग्लब्स लगाकर थर्मामीटर से मरीजों का बुखार जांच सकते हैं। हालांकि शरीर छूना प्रतिबंध है, लेकिन ग्लब्स रहेगा, तो वे सुरक्षित रहेंगे। बुखार जांचने के कई और तरीके हैं, जिसका उपयोग डॉक्टर कर सकते हैं। उपलब्ध होने पर तत्काल जिला अस्पताल में भी उपलब्ध कराएंगे, ताकि डॉक्टर भी सुरक्षित रहें।