मेरठ यदि आप कच्‍चा दूध पीने के शौकीन हैं तो जरा संभल जाइये, इन बीमारियों का हो सकता है खतरा


मेरठ। अगर आप कच्चे दूध पीने के शौकीन हैं तो थोड़ा सावधान हो जाएं। सेहतमंद बनाने वाला दूध कई बार आपको बीमार भी कर सकता है। खासकर यदि दुधारु पशु को संक्रामक बीमारी है, तो उसका दूध आपके लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में आप अगर बाजार या डेरी से खुला दूध लेते हैं तो यह भी जरूर देख लें कि जिस गाय या भैंस का दूध ले रहे हैं वह पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं।


 दुधारु पशुओं के दूध के माध्यम से कई जेनेटिक बीमारियां लोगों तक पहुंच रही हैं, जिसके विषय में अभी लोग कम जागरूक हैं। संक्रामक रोगों की चपेट में आने वाली गाय और भैंस के दूध से टीबी और ब्रूसीलोसिस नामक रोग के फैलने का खतरा अधिक है। जिस पशु को टीबी की बीमारी है, उसके दूध में भी टीबी का अंश रहता है। ऐसे दूध का सेवन करने वाले को भी टीबी हो सकती है। दुधारु पशुओं से फैलने वाली दूसरी बड़ी बीमारी ब्रूसीलोलिस की है। जिस पशु को यह बीमारी है, उससे अगर इसका वायरस दूध या किसी अन्य माध्यम से मनुष्य के शरीर में पहुंच गया तो वह पुरुष की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। पशुओं से मनुष्यों तक फैलने वाली ऐसे जेनेटिक बीमारियों की पहचान करने और उससे पशुपालकों को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम भी शुरू कर दिया गया है। जिससे लोगों को इनके विषय में बताया जा सके।


कच्चा दूध पीने से खतरा


विशेषज्ञों की माने तो ब्रूसीलोसिस और टीबी (TB and brucellosis) जैसी बीमारी की चपेट में आने वाले पशुओं के दूध में इसके वायरस होने की पूरी संभावना रहती है। इसलिए कभी भी संक्रमित पशुओं का कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए। एक बार दूध के उबाल आने पर सभी तरह के बैक्टीरिया मर जाते हैं। 


उबालने से मर जाते हैं बैक्टीरिया


चौ. चरण सिंह विवि (CCSU,Meerut) के जंतु विज्ञान के प्रोफेसर एचएस सिंह कहना है कि संक्रमित पशुओं के दूध से बीमारी फैलने की आशंका रहती है। सरकार के निर्देश पर बाजार में पाश्चुराइजेशन के बाद दूध की बिक्री होती है। हालांकि दूध को पूरी तरह से उबाल देने से भी इस तरह के बैक्टीरिया मर जाते हैं और फिर कोई खतरा नहीं रहता है।


ये है ब्रूसीलोसिस


यह संक्रामक रोग है, ब्रूसेला नाम के बैक्टीरिया जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। दुनिया में हर साल पांच लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में आते हैं। यह बैक्टीरिया दुधारु पशुओं के अलावा कुत्ते, सुअर, भेड़ बकरियों, ऊंट में पाया जाता है। यह बैक्टीरिया संक्रमित पशु के संपर्क में, संक्रमित खाद्य सामाग्री (कच्चा दूध भी शामिल है) से इंसानों तक पहुंचता है। यह बैक्टीरिया जानवरों के प्रजनन अंगों में फैलता है, जिससे जानवरों में गर्भपात, बांझपन की समस्या आती है।