कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्तान के डॉजियर जरिए जमात-उल-अहरार, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, बलोच लिब्रेशन आर्मी, बलोच लिब्रेशन फ्रंट और बलोच रिपब्लिकन आर्मी समेत संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठनों और भारत की खुफिया एजेंसियों के बीच कथित ''बढ़ती साठगांठ'' को उजागर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉजियर में 60 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना को नुकसान पहुंचाने की भारत की कथित कोशिशों के सबूत भी शामिल होंगे।
वहीं भारत ने भी शनिवार को पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब कर संघर्ष विराम उल्लंघनों और इस्लामाबाद द्वारा भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ का लगातार समर्थन करने पर विरोध दर्ज कराया। भारत पहले भी पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों से उसे जोड़ने पर आपत्ति जताता रहा है। उसका कहना है कि इस्लामाबाद अपने घरेलू संकटों से ध्यान हटाने के लिये नयी दिल्ली को दोष नहीं दे सकता।
भारत ने शनिवार को नयी दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के 'चार्ज डि अफेयर (उप राजदूत) को तलब कर नियंत्रण रेखा पर कई सेक्टरों में पाकिस्तानी बलों द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी।