रायपुर. कभी कभी इंसान के कर्म इंसान को भगवान का दर्जा दिला देते है और कर्मों की वजह से इंसान अजय अमर हो जाता है अजय अमर होने का मतलब जीवित शरीर का होना ही आवश्यक नही बल्कि जो हमेशा लोगो के दिलों में जिंदा रहे वह इंसान अजय अमर होता है ऐसा ही एक मामला महासमुंद के ग्राम अनवरपुर का भी है जहां गुलाम रसूल नामक शख्स का देहांत हुए लगभग 50 वर्षों से ऊपर हो गए मगर आज भी हिन्दू बहुल क्षेत्र के ग्रामवासी उनकी बरसी में उन्हें वर्षों से स्मरण कर धार्मिक अनुष्ठान करवाते है और ग्राम की सुख समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद लेते है इस संदर्भ में उनके प्रपौत्र शाहजान खान पाशा ने बताया कि उनके दादा गुलाम रसूल खान पाशा मिलिट्री में थे तथा उन्हें शासन से हजारों एकड़ ज़मीन शासन द्वारा दिया गया था जिसपर उन्होंने निशुल्क आम लोगों को बसाना प्रारंभ कर दिया तथा अपने बड़े भ्राता स्व. अनवर खान पाशा के नाम पर ही ग्राम अनवरपुर बसाया जहां वर्षों से रहने वाले ग्रामवासी
उन्हें भगवान तुल्य समझते है तथा किसी भी शुभ कार्य करने से पूर्व उनके समाधि में जाकर उनसे आशीर्वाद लेते है सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि ग्रामवासी एक मुस्लिम व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने रामायण पाठ करवा रहे है तथा उनके द्वारा ग्राम हित मे उठाए गए कदम को लेकर उन्हें स्मरण कर रामायण पाठ का आयोजन कर रहे है बताया जाता है कि गुलाम रसूल खान पाशा का निधन 28 जनवरी को ग्राम अनवरपुर में आज से पचास वर्ष पूर्व हो गया था जहां प्रति वर्ष स्व. गुलाम रसूल खान पाशा जिन्हें ग्राम वासी (बुढ़वा मालिक) के नाम सेे भी बुलाते है उनके समाधि स्थल पर वर्षों से रामायण पाठ का आयोजन किया जाता रहा है ।जो 51 वर्षो से अनवरत चला आ रहा है। इस आयोजन में पूरे ग्रामवासी पूरी श्रद्धा से उनकी समाधि पर रामायण पाठ व अन्य भजन गा कर बड़े गौटिया( *बुढ़वा मालिक*)को याद करते हैं! बताते चले कि ग्राम में
98%गैर मुस्लिम आबादी है तथा दो प्रतिशत मुस्लिम आबादी है फिर भी ग्रामवासी गांव में एक मुस्लिम को भगवान का दर्जा दिया जाता है जो काफी चर्चा का बिषय है